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कहा जाता है कि एक पुरुष की सफलता (Success) में एक महिला का बहुत बड़ा योगदान होता है. महिला अपने परिवार की खुशियों के लिए न जाने कितने त्याग करती है. इतना ही नहीं, आज के समय में महिलाओं ने खुद को बेहद सशक्त बना लिया है. महिलाएं अपनी घर गृहस्थी के साथ तमाम क्षेत्रों में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. साथ ही घर और वर्कप्लेस, दोनों की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं. महिलाओं के त्याग, समर्पण और क्षमताओं को सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. आज इस मौके पर आप भी अपने जीवन की खास महिलाओं को कुछ खास संदेशों के जरिए वुमंस डे की बधाई दे सकते हैं.
Women’s Day 2022: 8 मार्च यानि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, आज सभी लोग महिलाओं के सम्मान के लिए उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं। लोग अपनी मां, बहन, पत्नी, बेटी और महिला दोस्तों को महिला दिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं लेकिन क्या सच में महिलाओं का असल जिंदगी में सम्मान किया जा रहा है। केवल एक दिन महिला दिवस की शुभकामनाएं देने से क्या उनका सम्मान होता है? सदियों से महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। घूरते हो, मारते हो, जलील करते हो, इज्जत से खिलवाड़ करते हो और फिर महिला दिवस पर एक दिन के लिए सम्मान देने लगते हो, नहीं चाहिए ऐसा सम्मान। महिलाएं एक दिन के सम्मान की भूखी नहीं हैं, अगर देना है तो हर रोज उस बुरी नजर को हटाकर सम्मान दिया जाना चाहिए, जो कि उसे देखते ही अपनी हवस की भूख मिटाने के बारे में सोचती है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह प्रतिवर्ष की तरह 8 मार्च को मनाया जाएगा। आज हम जानेंगे इस नारीत्व के उत्सव के विषय में कुछ बिंदु। नारी अपने प्रत्येक रूप में सम्माननीय है। यूँ तो महिलाओं के लिए किसी ख़ास दिवस की दरकार नहीं है। प्रत्येक दिन उनका समर्पण अपने घर परिवार और समाज में रहता है। केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में पितृसत्तात्मक सोच का बोलबाला रहा है जिसने स्त्री के महत्व को एक लंबे समय तक नज़रंदाज़ किया है। लेकिन बीते कुछ समय से सभ्यता ने करवट ली है और महिलाओं ने सीमाओं से परे हर क्षेत्र में अपना प्रदर्शन किया है। महिला बेटी है, माँ है, पत्नी है, बहन है, दोस्त है और हर किरदार में महिला का अपना महत्व है।
कब है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस :
जैसे कि ऊपर बताया जा चुका है कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (Happy International Women’s Day 2022) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाएगा, यह अपने आप में महिला शक्ति को प्रदशित करता है। इस दिन दुनिया की महान महिलाओं को याद किया जाता है, इतना ही नहीं घर की आम गृहणियों को भी सम्मानित किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022: क्यों मनाया जाता है महिला दिवस ?
महिला दिवस महिलाओं के साहस का प्रतीक है। इसकी कहानी ऐसी है कि 1900 के पहले दशक में जब महिलाओं को अत्यधिक वेतन की असमानता, मतदान के अधिकारों की कमी का सामना करना पड़ा था। उस समय अपने अधिकारों की माँग के लिए सन 1908 में न्यूयॉर्क शहर में से कुल 1500 महिलाओं ने आंदोलन किया। 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में घोषित किया और 1910 में कोपेनहेगन में महिलाओं द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का दर्जा मिला। वर्ष 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने भी इस दिवस को प्रतिवर्ष एक नई थीम के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का सुझाव दिया।
महिला दिवस मनाने की आवश्यकता क्या है ?
वैसे तो यह दिन पूरे विश्व में मनाया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है इसकी आवश्यकता क्या है। क्या आपने कभी सोचा कि महिला दिवस सिर्फ महिलाओं को सम्मान देने के लिए नही मनाया जाता बल्कि महिलाओं को उनके हक़ दिलाने के लिए मनाया जाता है। आज भी स्त्री को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता, जहा एक तरफ उसको देवी के रूप में पूजा जाता है, वहीं दूसरी तरफ बलात्कार की खबर सुनने को मिलती है। यहाँ तक कि इतना पढ़ने- लिखने के बाद भी महिलाए घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं, कभी कभी तो देखने को मिलता है आस पड़ोस के लोग भी महिला को उसके पति से छुड़ाने का प्रयास नहीं करते। यह दिन महिलाओं को जागृत करने के लिए भी मनाया जाता है।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास :
अगर सूत्रों की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि सन् 1908 में न्यूयॉर्क में महिलाओं ने अपने काम के घण्टे कम करने लिए मार्च निकाला था, ऐसा कहा जाता है उस समय मार्च करने वाली महिलाओं की संख्या लगभग 15000 थी। इसी दिन के ठीक एक साल बाद यानी 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया था, जोकि 28 फरवरी को मनाया गया। उसके बाद 1913 में महिला दिवस की तारीक में बदलाव किया गया और फिर 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने लगे।
नारी का स्थान और महत्व :
अगर बात करें महिलाओं के स्थान की तो कहने को तो सभी कहते हैं कि बेटा – बेटी एक सम्मान हैं लेकिन फिर भी बेटी के साथ भेदभाव किया जाता है। ऐसा नहीं है कि सभी लोगों की यह सोच है लेकिन फिर भी 100 में से 80% लोग तो यही सोचते हैं।आज भी नारी को केवल घर की चारदीवारी के अंदर काम करने वाली के रूप में देखा जाता है, आज के दौर में भी महिलाओं को बोला जाता है कि तुम ऑफिस के कामों के लिए नहीं घर के कामों के लिए बनी हो। महिलाओं के साथ बलात्कार, घरेलू हिंसा आदि के मामले आम अखबार में पढ़ने को मिल जाते हैं, और तो और लोग छोटी बच्चियों को भी नहीं छोड़ते। वहीं दूसरी और बात करें हमारे सदग्रंथों की तो उनमें महिलाओं को पूरा सम्मान दिया गया है, हिंदू धर्म में तो औरत को देवी का दर्जा दिया गया है।
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